निमिषा प्रिया की जीवन पर संकट: 16 जुलाई को तय है सजा, परिवार और भारत सरकार की अंतिम कोशिशें जारी

निमिषा प्रिया की जिंदगी अब संकट के बादलों से घिरी हुई है। पिछले 8 साल से बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया यमन की जेल में आखिरी उम्मीद लेकर बैठी है। आरोप है कि एक यमनी नागरिक की हत्या के मामले में निमिषा प्रिया को 16 जुलाई 2025 को मौत की सजा सुनाई गई है। 


यमन में मौत की सजा का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया की तस्वीर


2008 में नौकरी की तलाश में केरल की रहने वाली प्रशिक्षित नर्स निमिषा प्रिया यमन गई थीं। यमन के नागरिक तलाल अब्दो मेहदी के साथ साझेदारी करके उन्होंने एक क्लिनिक शुरू किया। समय के साथ-साथ हालात बदलते गए।

 सूत्रों के मुताबिक, तलाल अब्दो मेहदी ने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया और उनके साथ शारीरिक और मानसिक शोषण शुरू कर दिया। इस शोषन से बचने के लिए निमिषा ने साल 2017 में तलाल को बेहोश करने के लिए उसे इंजेक्शन दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।


ब्लड मनी के तहत बचाने की कोशिश


शरिया कानून के नियमों के अनुसार, अगर पीड़ित परिवार माफ कर दे और 'ब्लड मनी' स्वीकार कर ले, तो निमिषा प्रिया को बचा जा सकता है। निमिषा प्रिया का परिवार शरिया कानून के तहत उन्हें बचाने की कशिश कर रहा है। निमिषा के परिवार ने 1 मिलियन डॉलर ब्लड मनी जुटाई है, यमन की राजधानी सना में चल रही बातचीत में सैमुसैमुअल जेरोम भी परिवार की तरफ से अहम भूमिका निभा रहे है। भारत सरकार के तरफ से बचाने की हर कोशिश जारी है।

कार्यकर्ता बाबू जॉन ने बताया कि मृतक का परिवार लेगा आखिरी फैसला अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। निमिषा प्रिया को बचाने के लिए 10 लाख डॉलर का प्रस्ताव रखा है अगर पीड़ित परिवार ब्लड मनी' स्वीकार कर ले, तो आखिरी वक्त पर भी निमिषा प्रिया के जीवनदान मिल सकती है और यदि कोई समझौता नहीं होता, तो 16 जुलाई को फांसी तय है। आखिरी उम्मीद तक परिवार और भारत सरकार की तरफ से उसे बचाने की कोशिशें की जा रही हैं।


भारत सरकार की भूमिका


भारत सरकार के तरफ से यमन की हूती सरकार से निमिषा को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि भारत की क्षेत्रीय शक्ति होने का प्रभाव इस केस में असर डाल सकती है।

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