2030 तक बिना पानी का शहर बन सकता है काबुल, गंभीर जल संकट से मचा हाहाकार

Water crisis Kabul : अफगानिस्तान के राजधानी काबुल वर्तमान समय में गंभीर चल संकट से जूझ रहा है। भारत के पड़ोसी देश के राजधानी काबुल में रहने वाला लगभग 60 लाख लोग के जीवन संकट में है। अगले 5 साल यानी की 2030 तक काबुल पूरी तरह बिना पानी के शहर बनने के कागढ़ में है।

       
2030 तक काबुल में जल संकट की चेतावनी


Highlights:

🔸 काबुल 2030 तक दुनिया में पहला बिना पानी के शहर बनने जा रहा हैं।
🔸 औसतन 3 मीटर तक गिर रहा हैं भूजल स्तर।
🔸 गरीबों के लिए बन गया मुसीबत।
🔸 कम बारिश, अत्यधिक बोरिंग, जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा कारण।
🔸 आय के 30% खर्च हो रहा हैं पानी खरीदने में।


Mercy Corps के रिपोर्ट के मुताबिक हर साल 5 करोड़ क्यूबिक मीटर पानी निकाला जा रहा है, जिससे भूमिगत जलस्तर 30 मीटर तक गिर चुका है। इसका बड़ा कारण अनियंत्रित बोरवेल, कम बारिश, जलवायु परिवर्तन है।


यह चेतावनी एक कड़वी हकीकत है जो दुनिया के सामने मुसीबत खड़ा कर दिया।

कहां हुई चूक?

काबुल में पिछले कुछ सालों में बारिश की मात्रा में गिरावट, बर्फबारी कम होने से तेजी से जलस्तर घट रहा है। 1980 से 2025 तक काबुल की अवधि 50 लाख के ऊपर बढ़ चुकी है इसके चलते वर्तमान समय और भी मुसीबत खड़ा कर दिया।

तेजी से बनाए जा रहे ऑन नियंत्रित बोरवेल जलस्तर को और भी गिर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक 40% से अधिक जलस्रोत अमीरों की पहुंच में है।

लोकल निजी कंपनी इस मौके का फायदा लेकर पानी का सौदा कर रहा है, जिससे गरीबों को पानी मिलना मुश्किल हो चुका है।


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क्या वाकई खत्म हो जाएगा पानी?

काबुल में बोरवेल के लिए जलस्तर 250 मीटर तक जाने से मिल जाता था, लेकिन मौजूदा समय में एक नए बोरवेल के लिए जलस्तर 500 मीटर तक पहुंच चुका है। 

विशेषज्ञ को भी मानना है की काबुल के 80% जलस्तर दूषित हो चुका है, लेकिन इस समस्या का हाल भी है।

Afghanistan के तालिबान सरकार को कदम उठाना पड़ेगा। लेकिन सरकार की चुप्पी और योजना विफलता के कारण समस्या और भी बढ़ती जा रही है। तालिबान सरकार के पास इस समस्या से जूझने के लिए कोई योजना नहीं है।

काबुल वर्तमान समय में जिस मोड़ पर खड़ा है, वह से वापसी का रास्ता बहुत कठिन है। यदि तालिबान सरकार द्वारा अभी प्रयास नहीं किया गया तो 2030 तक काबुल इतिहास के पन्नों में एक "प्यासा शहर" बनकर रह जाएगा।
जो की आने वाले समय में दुनिया के लिए चेतावनी के तौर पर दिखा जाएगा।

जल संकट बन गया दैनिक मुसीबत


काबुल में रहने वाला अपने आय के 30 भाग पानी के पीछे खर्च कर रहा है। एक खर्च उन लोगों का है जो गरीबी रेखा में है। यह की ज्यादातर आदमी पानी खरीदने के लिए कर्ज भी ले रखा है। यहां के व्यापारी इस मौके का फायदा उठा रहा है और पानी को दुगना गुना में बिका जा रहा है।

कम पानी वाला कुआं सूख चुका है नदी में भी पानी का कमी दिख जा रहा है, जिसके चलते आम लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। काबुल जल संकट तालिबान सरकार के सामने एक चुनौती है। जो कि छोटा योजना से ठीक नहीं किया जा सकता।

काबुल जल संकट कैसे सुधारा जाए


अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आते ही पश्चिमी दुनिया से संपर्क टूट चुका है, याक तालिबान शासन के चलते मुस्लिम और लागू किया गया किसके चलते महिला के ऊपर भी पाबंदी लग गया।

काबुल जल संकट सुधारने के लिए तालिबान सरकार को काबुल में सख्त नियम लागू करना चाहिए। वहां के रहने वाले लोगों को जरूर से ज्यादा पानी खर्च करने से रोकता जरूरी है।

लोकल व्यापारी को आम आदमी के साथ पानी का सौदा करने में रोक लगाई जाए। छोटे-छोटे बांध निर्माण के साथ पानी का बचत करना चाहिए।

पश्चिमी दुनिया के साथ अपने संपर्क फिर से ठीक कया जाए ताकि इस कठिन समय में अच्छा योजना के साथ समस्या की हाल किया जाय।
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