एक्सिओम स्पेस का चौथा मिशन 'एक्सिओम-4 मिशन' में शामिल shubhanshu shukla 18 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहने के बाद, मंगलवार को सुरक्षित वापस पृथ्वी पर लौट आए। 25 जून को फ्लोरिडा से ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान फाल्कन-9 रॉकेट से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए थे।
लखनऊ के रहने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 18 दिनों अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहने के बाद, मंगलवार को सुरक्षित वापस पृथ्वी पर लौट आए। उन्होंने बचपन में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पढ़ाई के बाद B.Tech और फिर M.Tech की डिग्री प्राप्त की। शुभांशु शुक्ला को 2019 में अंतरिक्ष मिशन के लिए चयनित किया गया था। उन्होंने यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर शुभांशु शुक्ला 18 दिन रहने के दौरान स्टेम सेल, साइनोबैक्टीरिया, माइक्रो ग्रैविटी समेत सात वैज्ञानिक प्रयोग किए, जो अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए नई दिशा के उजागर हैं। ये प्रयोग अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कार्यक्रम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री और आईएसएस में जाने वाले पहले भारतीय बने
1984 में राकेश शर्मा पहले भारतीय भे जो अंतरिक्ष अभियान में शामिल हए थे। इसके बाद 2025 में शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री तभा आईएसएस में जाने वाले पहले भारतीय हैं। शुभांशु शुक्ला से पहले पृथ्वी की कक्षा में सर्वाधिक समय रहने का इतिहास किसी का नहीं बना।
शुभांशु शुक्ला के साथ पैगी व्हिटसन, विस्नीव्स्की और टिबोर कापू ने इस अभियान में 1.3 करोड़ किलोमीटर की यात्रा सफलतापूर्वक खत्म किया। एक्सिओम-4 मिशन में भारत ने 550 करोड़ रुपये निवेश किए थे। इस मिशन से मिले अनुभव इसरो अंतरिक्ष अभियान 2027 में प्रयोग में लेंगे।
भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट पर सफलतापूर्वक उतरे। इसके बाद ड्रैगन अंतरिक्ष यान को रिकवरी शिप शैनन के ऊपर ले जाया गया, इस ड्रैगन ग्रेस यान के वापस लौटने का सीधा प्रसारण स्पेसएक्स की ओर से किया गया।
शुभांशु शुक्ला अभी देश वापस लौट नहीं सकते क्योंकि अंतरिक्ष से वापस आने के बाद कुछ विशेष प्रक्रियाओं से गुजारना जरूरी होता है। जिसमें धरती के गुरुत्वाकर्षण से तालमेल बैठना, चिकित्सकीय जांच आदि शमिल है।