Bharat Bandh 2025: 9 जुलाई को क्या खुलेगा, क्या रहेगा बंद और किस राज्य में सबसे ज़्यादा असर

9 जुलाई 2025 को राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान देश की 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों द्वारा किया गया। ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों का मानना है कि केंद्र सरकार की नीतियां श्रमिकों, किसानों और आम जनता के हितों के खिलाफ हैं। सरकार की "कॉरपोरेट-समर्थक" और "मजदूर-विरोधी" नीतियों के खिलाफ हड़ताल के ज़रिए विरोध दर्ज कराया जाएगा।


भारत बंद 9 जुलाई 2025: कर्मचारी हड़ताल के दौरान सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते लोग


📌 प्रदर्शन की मुख्य वजहें

  • 🔹 श्रम कानूनों में बदलाव से कर्मचारियों के अधिकारों में कटौती
  • 🔹 बिजली कंपनियों के निजीकरण का विरोध
  • 🔹 बेरोजगारी और महंगाई को लेकर असंतोष
  • 🔹 सार्वजनिक संस्थानों का कॉरपोरेटाइजेशन
  • 🔹 EPF और सामाजिक सुरक्षा में कटौती की आशंका
  • 🔹 ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार की कमी


क्यों बुलाया गया है भारत बंद?

 यूनियनों और किसान संगठनों दारा बुलाया गया भारत बंद के आसार पूरा देश को देखने को मिलने वाला है। जिसका मुख्य कारण

बेरोजगारी और महंगाई की मार आम जनता पर भारी पड़ रही है, लेकिन मोदी सरकार अपना प्राथमिक धनी वर्ग और बड़ी-बड़ी कंपनियों की ओर — दिख रही है।

 जनहित सेबाय जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और नागरिक सेवाओं पर खर्च घटाया जा रहा है, जिससे आम जनता पर सीधा असर पड़ता दिख रहा है। 

पिछले 10 वर्ष में सरकार द्वारा मजदूरों के हिट में एक थी मज़दूर सम्मेलन नहीं हुआ जिसके कारण मजदूर संगठन सरकार के कामकाज से नाराज हैं। 

नए युवाओं को नौकरी से वंचित कर कर्मचारियों की सेवा की उम्र बढ़ाई जा रही है, जिससे समाज का एक बड़ा वर्ग नाराज़ नजर आ रहा है। 

यही तमाम मुद्दे हैं जिनके चलते ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने मिलकर यह राष्ट्रव्यापी बंद बुलाया है — ताकि सरकार तक मज़दूरों और आम जनता की आवाज़ पहुंचे।


देशभर में भारत बंद का व्यापक असर: प्रमुख सेवाएं हो सकती हैं ठप

विशेषज्ञों की मनाना है कि, इस बंद का असर बैंकिंग, बीमा, डाक सेवाएं, कोयला खनन, परिवहन, जैसे क्षेत्रों पर सकती हैं। यह बंद की असर केवल सड़कों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि कहे राज्यों में स्कूल, कॉलेज, और बड़े-बड़े फैक्ट्री पर थी इसका असर देखा जा सकता है।


क्या-क्या बंद रहने की संभावना है?

9 जुलाई को होने वाली हड़ताल के चलते कुछ प्रमुख सार्वजनिक और सरकारी सेवाओं पर असर देखने को मिल सकता है:

संभावित रूप से प्रभावित सेवाएं:

कई राज्यों में सरकारी बसों की सेवाएं बाधित हो सकती है। कोयला और खनन कार्य से जुड़े कर्मचारी बंद में भाग लेंगे। कई स्थानों पर तकनीकी स्टाफ हड़ताल में रहेगा, जिससे बिजली सेवाओं पर असर पड़ सकता है। जहां कर्मचारी यूनियनें सक्रिय हैं, वहां बैंकिंग कार्य बाधित हो सकता है। निर्माण क्षेत्र से जुड़े सरकारी कर्मचारी बंद में भाग ले सकते हैं।


क्या-क्या सामान्य रूप से चालू रहने की उम्मीद है?

कुछ आवश्यक सेवाएं और निजी क्षेत्र की सुविधाएं सामान्य रूप से चल सकती हैं:

💡 संभावित रूप से सामान्य सेवाएं:

अधिकतर राज्यों में  प्राइवेट स्कूल और कॉलेज खुले रहेंगे।हॉस्पिटल और इमरजेंसी सेवाएं से जुड़े स्टाफ के लिए छूट दी गई है, 

हवाई सेवाएं और मेट्रो सेवाओं में कोई असर नजर नहीं आएगा।Amazon, Swiggy, Zomato जैसी सेवाएं चालू रहेंगी। अधिकतर स्थानों पर वर्क फ्रॉम होम या सामान्य कामकाज जारी रहेगा।

कौन-कौन कर रहा है भारत बंद में भाग?

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
भारतीय ट्रेड यूनियनों का केंद्र (CITU)
भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
हिंद मजदूर सभा (HMS)
स्व-नियोजित महिला संघ (SEWA)
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM)
रेलवे, स्टील और बिजली क्षेत्र के कर्मचारी संगठन

25 करोड़ से अधिक श्रमिक, किसान और कर्मचारी भारत बंद में सामिल होगे।

भारत बंद का असर कई क्षेत्रों में देखने को मिलेगा। यदि आप किसी काम के लिए बाहर जाने की योजना बना रहे हैं, तो पहले अपने स्थानीय प्रशासन की गाइडलाइन जरूर चेक करें। यह हड़ताल सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं बल्कि करोड़ों श्रमिकों और किसानों की आवाज़ है, जो देश की नीतियों में बदलाव की मांग कर रही है।

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