Israel Attack Yemen: इज़राइल और यमन की हूती विद्रोहियों के बीच चल रही तनातनी अब लड़ाई के मैदान पर उतर आई है। यमन हूती विद्रोहियों के कब्जे में आने के बाद उनके यहूदी देश इसराइल के साथ तनातनी बढ़ती गई। हाल ही में इसराइल ने यमन के हूती विद्रोहियों के कब्जे में रहे तीन बंदरगाहों और एक पावर स्टेशन पर हमला किया।
क्या हुआ हाल ही में?
इजरायली वायुसेना(IDF) ने 6 जुलाई 2025 की रात यमन में हूती विद्रोहियों के नियंत्रित तीन प्रमुख बंदरगाह — होदेइदाह पोर्ट (Hodeidah Port), रस ईसा पोर्ट (Ras Isa Port), सलीफ पोर्ट (Salif Port) — और एक पावर स्टेशन रस कांटिब पावर प्लांट (Ras Qantib Power Plant) पर जबरदस्त हवाई हमला किया।
बताया जा रहा है कि इजरायली वायुसेना ने इस ऑपरेशन के दौरान 50 से अधिक बम गिराए, जिससे कुछही मिनट में यमन के प्रमुख तीन बंदरगाह और पावर स्टेशन पूरी तरह से तबाह हो गए। इस हमले में 2023 में होती विद्रोही दौरा हाईजैक किया गया जहाज गैलेक्सी लीडर को निशाना बनाया गया।
बताया जा रहा है कि इजरायली वायुसेना ने इस ऑपरेशन के दौरान 50 से अधिक बम गिराए, जिससे कुछही मिनट में यमन के प्रमुख तीन बंदरगाह और पावर स्टेशन पूरी तरह से तबाह हो गए। इस हमले में 2023 में होती विद्रोही दौरा हाईजैक किया गया जहाज गैलेक्सी लीडर को निशाना बनाया गया।
Yemen की तरफ से जवाब?
इजरायली वायुसेना के हमले के कछ घंटे बाद, यमनी हूती विद्रोहियों ने इजरायल की ओर दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इज़रायली रक्षा प्रणाली 'आयरन डोम' ने इन मिसाइलों को हवा में ही नष्ट करने का दावा किया है।
🎥WATCH: IAF fighter jets strike & dismantle terrorist infrastructure belonging to the Houthi terrorist regime at the port of Ras Isa, Yemen. Among the terror targets struck was the merchant ship Galaxy Leader, which was seized by the Houthi regime in November 2023. pic.twitter.com/wsePYbcACk
— Israel Defense Forces (@IDF) July 7, 2025
🔴 टॉप 5 मुख्य बिंदु (Highlights)
- इज़राइल ने यमन के तीन बंदरगाहों और एक पावर प्लांट पर एयरस्ट्राइक की।
- हमले में 'Galaxy Leader' जहाज़ भी निशाना बना, जिसे हौथियों ने कब्ज़े में लिया था।
- जवाबी कार्रवाई में हौथी विद्रोहियों ने इज़राइल की ओर दो मिसाइलें दागीं।
- यमन में बिजली ठप, आपूर्ति चैन ध्वस्त और आम जनता में डर का माहौल।
- यह संघर्ष अब सिर्फ दो गुटों की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरे मध्य-पूर्व की स्थिरता पर सवाल है
क्यों हुआ हमला?
इसराइल इस्लामी कट्टरपंथी गुटों के खिलाफ दुनिया में सबसे मुखर देश माना जाता है। वहीं यमन के हूती विद्रोही, जो ईरान समर्थित माने जाते हैं। हूती के साथ इजरायल के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा था।
इसराइल को कहना है कि हूती विद्रोही यमन के तीन प्रमुख बंदरगाहों इस्तेमाल करके हथियार मंगवा रहे थे, जिनका इस्तेमाल इसराइल और उनके सहयोगी देश में हमला करने का साजिश था। हूती विद्रोही लगातार हाईजैक किए गए जहाज 'गैलेक्सी लीडर' के रडार सिस्टम का उपयोग करके रेड सी और आसपास के समुद्री मार्गों पर नजर बनाए हुए थे, और लगातार व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे थे।
इसराइल हमले से पहले बयान जारी कर स्थानीय नागरिकों को सतर्क किया था और उन्हें तत्काल उस क्षेत्र को खाली करने को कहा था। इस सतर्कता के कुछ घंटे बाद ही इज़रायल ने हूती विद्रोहियों पर बड़ा हवाई हमला किया।
इस हमले के बाद बिजली गुल हो चुकी है, बंदरगाह पर हमले से सप्लाई चेन टूट गई है, जिससे भोजन, दवाइयों और जरूरी सामान की पहुंच आम लोगों तक रुक गई है।
दुनिया पर क्या पड़ेगा इस हमले का प्रभाव?
इस हमले के बाद इसका असर दुनिया में देखने को मिल सकता है, विशेषज्ञों का मानना है कि रेड सी पर व्यापारिक जहाजों का आना-जाना बंद हो सकता है, जिससे दुनिया भर में तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। इस जंग के बीच अमेरिका के हस्तक्षेप की संभावना जताई जा रही है।
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