हर साल की तरह इस साल
उत्तर प्रदेश के बाद
दिल्ली में भी हिंदू धर्म के पवित्र रीति-रिवाज का आयोजन किया जा रहा है, जिसका विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। जिसे
कांवड़ यात्रा के नाम से जाना जाता है। इस यात्रा के दौरान भगवान शिव को पवित्र गंगाजल अर्पित करने के लिए लाखों श्रद्धालु लंबी पदयात्रा पर निकलते हैं। 2025 की सावन माह के दौरान उत्तर प्रदेश के बाद दिल्ली में होने जा रही है कांवड़ यात्रा चर्चा में है - उत्तर प्रदेश मॉडल को आजमाते हुए कांवड़ मार्ग के आसपास स्थित मीट की दुकानों और रेस्टोरेंट्स को बंद करने की मांग की गई है।
कांवड़ यात्रा 2025 के मार्गों पर धार्मिक माहौल बनाए रखना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती रही है। इस कारण श्रद्धालु भगवान शिव को पवित्र गंगाजल अर्पित करने के लिए दूर-दूर से धार्मिक भावनाओं के साथ कांवड़ यात्रा मार्गों पर पहुंचते हैं। ऐसे में दिल्ली में कांवड़ यात्रा मार्गों पर मीट की दुकानें, खुले मांस उत्पाद और गंदगी उनके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।
इसी वजह से
हिंदू सेना ने दिल्ली की मु्ख्यमंत्री
रेखा गुप्ता से Delhi में कांवड़ यात्रा मार्गों पर मीट की दुकानें और मांसाहारी रेस्टोरेंट्स को कुछ दिनों के लिए बंद रखने की अपील की है।
प्रशासन से क्या है मांग?
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष
विष्णु गुप्ता ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर कांवड़ यात्रा मार्ग पर कुछ दिशा-निर्देश जारी करने की अपील की है।
इस विषय में कांवड़ यात्रा के संदर्भ में, हिंदू सेना के नेतृत्व में एक हिंदू संगठन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मिलने के लिए समय मांग रहा है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि दिल्ली में कांवड़ यात्रा मार्ग पर जितनी भी मीट की दुकानें और बूचड़खाने हैं, उन्हें यात्रा के अंत तक बंद रखने का आदेश दिया जाए।
कावड़ यात्रा मार्ग पर जितना भी ढाबे और रेस्टोरेंट है उनकी जांच करने की मांग की गई ताकि कोई अपनी पहचान छुपाकर दुकान न चला सके।
ऐसी मांग क्यों की जा रही है?
पिछले साल कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ आपत्तिजनक घटनाएं सामने आई थीं कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर कुछ मुसलमानों ने अपनी पहचान छुपाकर ढाबे और रेस्टोरेंट चला रहे थे, यह बात फैलने से कांवड़ लाने वाले ने नाराज़गी जताई थी।
श्रद्धालुओं अपनी धार्मिक भावनाओं के साथ यह कांवड़ यात्रा करते हैं, जो कुछ समय के लिए होती है। यह यात्रा मार्ग स्थायी नहीं है, बल्कि यह कुछ दिनों के लिए अस्थायी रूप से बनाया जाता है।
उत्तर-प्रदेश में पहले से ही हो चुका कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी मीट की दुकानों को प्रशासन द्वारा बंद रखने का आदेश दिया गया था।
इसलिए दिल्ली सरकार से हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए यात्रा मार्ग पर सभी मीट की दुकानों को तत्काल प्रभाव से बंद करने की मांग उठाई गई।
क्या है सरकार का रुख?
सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा को लेकर कोई स्पष्ट बयान जारी नहीं किया गया है। कांवड़ यात्रा के दौरान दिल्ली प्रशासन व्यवस्था को लेकर आमतौर पर सक्रिय रहता है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कांवड़ मार्ग पर मीट की दुकानें बंद रखने की मांग को सार्वजनिक रूप से आवाज़ उठाई है। बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर दिल्ली सरकार से बात करने की बातचीत कही है।
यदि मुख्यमंत्री द्वारा इस मग को मान्यता दिया जाए तो तत्काल प्रभाव से नियम और शर्त लागू होगा। सभी जरूरी के साथ बात करके बैठक करने क भी कदम उठाए जा सकता हैं। दिल्ली पुलिस को कानूनी व्यवस्था सटीक रूप से चलाने क लिए आदेश प्रेषित किया जा सकता है।